दिल के चंद एहसास
बिन मुरझाए तुम खिलते रहो,
उपवन में खिले गुलाबों की तरह।।
सफर में आगे बढ़ते रहो तुम,
बिना रुके तूफानों की तरह।।
हम दुआ करेंगे कुदरत से,
तुम्हारे जीवन में न आए कोई गम।।
तुम हर पल चमकते रहो,
नभ में टिम-टिमाते सितारों की तरह।।
----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---
Gunjan Kamal
02-Nov-2022 03:50 PM
बहुत खूब
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Khan
01-Nov-2022 06:01 PM
Bahut sundar kavita 👌🌸
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Muskan khan
01-Nov-2022 03:50 PM
Well done ✅
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